सुधांशु के लिये कविता लिखना संप्रेशन का माध्यम ही नही वरन् तनावों को कम करने का, जो बातें चेतन अवस्था में व्यक्त नही हों पाई, उन्हें व्यक्त करने का एक साधन, एक माध्यम है ।
सुधांशु के लिये कविता लिखना संप्रेशन का माध्यम ही नही वरन् तनावों को कम करने का, जो बातें चेतन अवस्था में व्यक्त नही हों पाई, उन्हें व्यक्त करने का एक साधन, एक माध्यम है । जीवन जीने की संवेदनाएं एवं जीवन में विद्रुपता, संबंधों की संकीर्णता एवं स्वार्थ, अपने आस-पास भ्रष्टाचार, मानविय मूल्यों के अवमूल्यन से वे व्यथित हैं और इन विषयों को केंद्रित कर लिखना चाहते हैं ।
Tumhare Jaane Ke Baad
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सुधांशु के लिये कविता लिखना संप्रेशन का माध्यम ही नही वरन् तनावों को कम करने का, जो बातें चेतन अवस्था में व्यक्त नही हों पाई, उन्हें व्यक्त करने का एक साधन, एक माध्यम है ।
Description
Sudhangshu Bakshi
Genre: Poetry, Pages: 113, Binding: Paperback, ISBN:978-93-83271-08-5
सुधांशु के लिये कविता लिखना संप्रेशन का माध्यम ही नही वरन् तनावों को कम करने का, जो बातें चेतन अवस्था में व्यक्त नही हों पाई, उन्हें व्यक्त करने का एक साधन, एक माध्यम है । जीवन जीने की संवेदनाएं एवं जीवन में विद्रुपता, संबंधों की संकीर्णता एवं स्वार्थ, अपने आस-पास भ्रष्टाचार, मानविय मूल्यों के अवमूल्यन से वे व्यथित हैं और इन विषयों को केंद्रित कर लिखना चाहते हैं ।